किशोरों के दिमाग को अधिक नुकसान पहुँचाती है शराब
अनुसंधान ने यह साबित कर दिया है के आलकोहल किशोरो के विकासोन्मुख दिमागों को आधिक नुकसान पहुँचाता है जबकि पूर्व विज्ञानिक का मत इसके विपरित था। नवीनतम शोध के अनुसार अलकोहल (alcohal) वयस्क दिमागों के अपेक्षा किशोरों के दिमाग को अधिक नुकसान पहुँचाता है। इन खोजो मे इस धारणा को समाप्त कर दिया है कि कई साल तक भारी मात्रा मे अल्कोहल का इसतेमाल करने से ही स्नायु तंत्र गंभीर रुप से जख्मी होता है खोज यह बताती है कि शुरुआत मे भारी मात्रा मे अल्कोहल का प्रयोग आपको शराबखोर बनने से रोकने के लिए वाछित स्नायु तंत्र की क्षमता को कमज़ोर कर देता है। इस संबंध मे किए गए अनुसंधान यह बताने मे मदद करेगें कि जो लोग किशोरावस्था में शराब पीना शूरु कर देते हैं उसमे शराबखोर बनने की यथावना बहुत अधिक रहती है। आर्काइवस आँफ पैडिएट्रिकस एंड एडोल्सेन्ट मैडिसिन मे प्रकाशित अमेरिका मे ४३,०९३ वयस्कों पर किए गए एक सर्वे के नतीजो के अनुसार जिन लोगों ने१४ वर्ष से कम आयु मे शराब का इसतेमाल करना शुरु कर दिया था, उनमे से ४७ प्रतिशत शराब के गुलाम बन गए जबकि जिन लोगों ने २१ वर्ष के उम्र के बाद शुरु किया उनमे से ९ प्रतिशत ही नशेडी बने। अमेरिकी सरकार की सहायता प्राप्त प्रयोगशाला मे किशोर चुहों के दिमाग पर शराब के सेवन का परिक्षण किया गया जिसमे शराब का सेवन करने से होने वाली शारीरिक क्षति के सबसे गंभीर सबूत मिले हैं। इन अध्ययनो मे पाया गया कि शराब पीने से अगले हिस्से तथा हिप्पोकैपस में गंभीर कोशकिय क्षति पहुँचती है। हालांकि यह सपष्ट नही है कि इन जांच परिणामो को मनुष्य पर कैसे लागू किया जा सकता है। इस खोज मे यह भी सबूत मिले हैं कि युवा शराबी मिलती जुलती कर्मियों से पिडित हो सकते है। अमेरिका सरकार द्धारा प्राप्त अनुसंधानकर्ताओं ने सान डिएगो मे लगभग ८ वर्ष तक अध्ययन किया। इस अध्ययन मे पाया गया कि शराब पीने वाले किशोरो ने मौखिक तथा अमौखिक परिक्षा मे बहुत ही घटिया प्रदर्शन किया। डयूक यूनिवर्सिटी में मनोवैज्ञानिक विभाग मे असिस्टेंट रिसर्च प्रोफैसर तथा कालेज परिसर मे अत्याधिक शराब खोरो पर हालिया अध्ययन के सहलेखक एरोन वहाइट कहते हैं कि 'अब इस बारे मे कोई संदेह नही है कि किशोर अवस्था मे शराब के अधिक सेवन से दूरगामी परिणाम बहुत भयंकर हैं । |
Tuesday, August 3, 2010
नशीले वस्तुओ का सेवन:
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