Jai Hind Jai Bharat

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Friday, July 23, 2010

औरत क्या है?



औरत घर की ज़ीनत ही नही, घर की रूह भी होती है- अरस्तू

औरत वह तस्वीर है जो तस्वीर में भी रंगीन दिखाई देती है- ना मालूम

औरत मुसीबत और ग़म को कम करने के लिए पैदा की गई है- ना मालूम

इमान के बाद सबसे बड़ी नेमत एक नेक औरत है- हज़रत मुहम्मद (स. अ.)

औरत एक शीशे की मानिंद है, उसकी हिफाज़त करो- हज़रत मुहम्मद (स. अ.)

औरत में इंसानी खिदमत का जज़्बा मर्द से कहीं ज़ियादः होता है- महात्मा गाँधी

किसी दोस्त को आवाज़ उस वक़्त मत दो जब उसके साथ औरत हो- हज़रत इमाम हुसैन

औरत वह है जो ग़म से भरी रहती है, लेकिन उस ग़म के आईने में कभी झाँकने तक नही देती है- अल- कुरआन

हर कामयाब इन्सान के पीछे एक औरत का हाथ होता है और हर नाकामयाब इन्सान के पीछे एक से ज़्यादा औरतों का हाथ होता है

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